अर्द्ध कुम्भ का आयोजन 6 वर्ष और पूर्ण कुम्भ का आयोजन 12 वर्षों के बाद किया जाता है। यह मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और संस्कृति का प्रतीक है। कुम्भ मेला 48 दिनों तक चलता है। आइये जानते हैं कुंभ का अर्थ, इसे...
पूजा विधि और अध्याय श्री सत्यनारायण कथा (Shri Satyanarayan Katha) करने का शुभ दिन पूर्णिमा, अमावस्या, रविवार, गुरुवार, संक्रांति के दिन एवं अन्य पर्व-त्यौहारों पर करने का शास्त्रोंक्त विधान मिलता है। सत्यनारायण कथा का प्रारंभ करने से पहले विशेष पूजा की जाती है। सबसे...
हवन की महिमा हवन / यज्ञ/ अग्निहोत्र मनुष्यों के साथ सदा से चला आया है। वैदिक धर्म में सर्वोच्च स्थान पर विराजमान यह हवन आज प्रायः एक आम आदमी से दूर है। दुर्भाग्य से इसे केवल कुछ वर्ग, जाति और धर्म तक सीमित कर...
हिन्दू पंचांग अनुसार प्रत्येक माह में पांच ऐसे दिन आते हैं जिसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। ऐसी भी मान्यता या धारणा है कि इन दिनों में मरने वाले व्यक्ति परिवार के अन्य पांच लोगों को भी साथ ले जाते हैं।...
बजरंग बाण पाठ (Bajrang Baan) हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव के रूद्र अवतार कस्टभंजन देव हनुमानजी को समर्पित है। बजरंग बाण पाठ महाकवि तुलसीदास रचित रामचरित मानस के अंश में हनुमान चालीसा के बाद आता है। यह पाठ बजरंग बली हनुमानजी...
सनातन धर्म में, समय को चार युगों में विभाजित किया गया है: सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, और कलियुग। इन युगों को उनके गुणों के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है, जो कि सत्व रज और तम हैं। सत्व गुण का अर्थ है शुद्धता, ज्ञान, और...
उपनिषद (Upanishad) संस्कृत भाषा में लिखे गए वैदिक साहित्य यानि हमारे चार वेद के ही भाग है, और सनातन धर्म के अधिक महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ हैं। उपनिषदों की कुल संख्या 108 हे, जो संस्कृत भाषा में गद्य – पद्य दोनों में हैं, परंतु मुख्य...
“संकटमोचन हनुमान अष्टक” (Sankatmochan Hanuman Ashtak) भगवान हनुमान को समर्पित एक पूजनीय भजन है, जो हिंदू धर्म में सबसे प्रसिद्ध देवताओं में से एक हैं। महान कवि तुलसीदास द्वारा रचित, जो अपने महाकाव्य “रामचरितमानस” के लिए भी प्रसिद्ध हैं, यह भजन एक शक्तिशाली भक्ति...
गायत्री मंत्र – ॐ भूर्भुव: स्व: माण्डूक उपनिषद् – ॐ यह अमर शब्द ही पूरी दुनिया है बौध्य मंत्र – ॐ मणि पद्मे हूं गुरु ग्रंथ साहिब – एक ओंकार सतनाम योग सूत्र – तस्य वाचकः प्रणवः इन सभी मंत्र या श्लोक में क्या...
उपनिषद् सनातन धर्म के महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ हैं। ये वैदिक वाङ्मय के अभिन्न भाग हैं। ये संस्कृत में लिखे गये हैं। इनकी संख्या लगभग 108 है, किन्तु मुख्य उपनिषद 13 हैं। हर एक उपनिषद किसी न किसी वेद से जुड़ा हुआ है। इनमें परमेश्वर,...
हम सनातन हिन्दूधर्मी बचपन से ही एक बात सुनते आ रहे हैं कि हमारी पृथ्वी शेषनाग के फन पर टिकी हुई है और, जब वो (शेषनाग) थोड़ा सा हिलते है, तो, भूकंप आता है। और, अंग्रेजी स्कूलों के पढ़े तथा, हर चीज को वैज्ञानिक...
ऋग्वेद सनातन धर्म और सम्पूर्ण विश्व का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है जो उपलब्ध है। इसमें 10 मण्डल, 1028 सूक्त और वर्तमान में 10462 मन्त्र हैं, मन्त्र संख्या के विषय में विद्वानों में कुछ मतभेद है। मन्त्रों में देवताओं की स्तुति की गयी है। इसमें...
पुराण किसे कहते हैं: पुराण हमारे सनातन धर्म की धरोहर है जिसके अंतर्गत संपूर्ण सृष्टि का ज्ञान विज्ञान उपलब्ध है। पुराण भारतीय संस्कृति की जान है इनका प्राचीन ग्रन्थों में महत्वपूर्ण स्थान है। पुराण, सनातन धर्म से संबंधित आख्यान ग्रन्थ है और यह सबसे...
सभी विद्वानों द्वारा एकमत से वेदो को इस संसार का प्राचीनतम ग्रंथ स्वीकार किया गया है। वेद शब्द का सामान्य अर्थ ज्ञान है। आचार्य सायण के अनुसार वेद वह शब्द- राशि है, जो अभीष्ट प्राप्ति और अनिष्ट को दूर रखने का अलौकिक, दिव्य उपाय...